Indian Politics In 2022 In Hindi | भारतीय राजनीती 2022
Indian Politics In 2021 इस विषय की चर्चा करने के लिए इस पोस्ट के माध्यम से हम आप लोगो के बिच आ रहे है. जैसे की आज के राजनितिक परिस्थितिया देखने को मिल रही है. इन सभी अध्ययन करने के साथ-साथ हम आज से कुछ वर्ष भूतकाल में जो राजनितिक गतिविधिया हुई है उनका विश्लेषण करते हुए. इस विषय पर चर्चा करेंगे.
हमारे देश में जिसे हम भारत, हिंदुस्तान इन शब्दों से सम्भोधित करते है. इसकी इतनी महान राजनितिक परंपरा रही है. जिसे सम्पूर्ण विश्व के द्वारा सराहा गया है. प्राचीन काल से ही राजनितिक शिक्षा के केंद्र के रूप में भारत को जाना जाता है. जिसे भारतवर्ष के नाम से संबोधित किया जाता था.
इस चर्चा के माध्यम से Politics of India के कुछ ऐसे पहलुओ पर विचार करेंगे जिनके लिए भारत को कभी भी नहीं जाना जा सकता है. उसी के साथ हमें भारतीय राजनीती को किस प्रकार स्वच्छ और सुसंस्कृत बनाया जा सकता है. इस बारे में मुद्देवार विश्लेषण करना है. तो चलिए शुरू करते है :-
भारतीय राजनीती की कहावते :-
भारतीय राजनितिक गतिविधियों का विश्लेषण कर पाना उतना ही मुस्किल है, जितना की जलेबी को सीधा कर पाना. वैसे “राजनीती” की बारे में कहा जाता है की ये एक ऐसा दलदल है जिसमे जो व्यक्ति जायेगा वो धसता ही चला जायेगा.
वही अगर वो भारतीय राजनीती हो तो फिर सोने पर सुहागा हो जाये. इसके लिए तो कहावत होनी चाहिए की, “काजल की कोठरी में कितना भी सयाना क्यों न जाये, उसे काला तो होना ही पड़ता है”. इस प्रकार की अत्यत ही गजब की कहावते भारतीय राजनीती के बारे में कही जाती है.
नेताजी और भारतीय राजनीती :-
यदि हम अपने इस चर्चा में “नेता” इस शब्द की चर्चा की करे तो इस पोस्ट को कुछ सकते है. वैसे भी भारतीय राजनीती की चर्चा में “नेता” इस शब्द की चर्चा न हो तो फिर वह अधूरी चर्चा कहलाएगी. क्योकि नेताजी के बिना राजनीती अधूरी है और राजनीती के बिना नेताजी. ये तो मछली बिना पानी हो जायेगा.
नेता का मतलब कोई भी लीडर हो सकता है. जो अपने दल को संबोधित करता है. अपने कार्य के आधार पर अपनी छबी अपनाकर अपने वोटरों को लुभाने का प्रयास करता है.
अगर नेताजी की व्याख्या अपने शब्दों में दी जाए तो, “नेताजी वो प्राणी होते है, जो हर प्रकार की छोटी से बड़ी पार्टियों में पाये जाते है और ये भारतीय राजनीती को प्रभावित करने की क्षमता रखते है.”
भारतीय युवा और राजनीति – Role of Youth In Indian Politics
भारत ये युवाओ का देश माना जा रहा है. युवाओ के बढ़ते राजनितिक सहयोग की देखते हुए उनकी भूमिका दिनोदिन भारतीय राजनीती में महत्वपूर्ण होती जा रही है.
भारतीय युवा हमारे राजनितिक गतिविधयो को कैसे प्रभावित करता है. ये तो आप भली भांति जानते होंगे. इसे ऐसे भी देखा जा सकता है की, भारतीय युवा का किस प्रकार राजनितिक फायदे के लिए उपयोग किया जाता है.
हमारे युवाओ की बेरोजगारी का फायदा उठाकर उसे भिन्न भिन्न प्रकार के प्रलोभन देकर बड़े बड़े नेता अपने Political System को मतबूत बनाने के लिए उनका उपयोग करते है. इन युवाओ की निरक्षरता उन्हें इस प्रलोभन में फंसाकर उनका बहुत ज्यादा फायदा लिया जाता है.
वर्तमान भारतीय राजनीती में युवा एक तुरुप का इक्का समझा जा रहा है. जिसे मन चाह तरीके से भुनाया भी जा रहा है. उन्हें अनुकूल सरकारी योजनाओ का क्रियान्वयन किया जाना उसका जीता जगाता सबुत माना जा सकता है.
एक रिपोर्ट के अनुसार इस बारे के लोकसभा चुनाव, 2019 में भारतीय युवाओ का वोटिंग और सहयोग काफी देखा गया है. जिसमे ये भी कहा गया की Lok Sabha Election, 2019 को युवाओ ने जीताया है.
इसके लिए एक रिपोर्ट का अध्ययन आप कर सकते है. इसका विश्वसनीय स्त्रोत जिस वेबसाइट से उसे लिया गया है उसका लिंक भी आपको निचे दिया गया है.
Source: Election Commission of India, Lok Sabha
More information read this article :- Data check: 45 million new, young voters could play a key role in 2019 elections
यहाँ हम किसी राजनितिक पार्टी का नाम लेना उचित नहीं समझते है. परन्तु बहुत सी पार्टियों के द्वारा ये एक मिशन चलाया जा रहा है की. ज्यादा से ज्यादा युवाओ को अपनी Political Party से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है.
जिसमे उनके द्वारा अलग-अलग प्रकार के योजनाओ, प्रलोभनों के द्वारा उन्हें लुभाने का प्रयास किया जा रहा है. जिसमे सोशल मिडिया एक सुलभ जरिया बनकर सामने आया है.
चुनाव में युवाओं की भूमिका
युवाओ के बारे में कहा जाता है की, अगर देश का युवा जागरूक है तो उस देश का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है. वैसे ही देश को सबसे उतना खतरा उसके दुश्मन देश से नहीं है जितना की उसके देश के अजागरूक युवा से है.
भारत का युवा किस पक्ष को सम्भोधित करता है. इस बारे में विचार जरुरी है. क्या वह एक जागरूक युवा है या फिर अजागरूक.
भारत का युवा इन दोनों ही पक्ष में सटीक नहीं बैठता है. वो एक अलग ही कसौटी पर कसा जाने वाला युवा वर्ग कहलाता है. उसी आधार पर राजनितिक दलों के द्वारा उनका उपयोग किया जाता है.
जैसे की कुछ युवा केवल अपनी जागरूकता के परिचय में केवल Social Media का ही उपयोग करते है. तो कुछ उसे धरातल पर उपयोग किया करते है. अधिकतर युवावर्ग निरक्षर है. उनमे कुछ मजदुर युवा भी है.
सबसे बड़ी संख्या हमारे देश में बेरोजगार युवाओ की है. जिसमे कुछ साक्षर बेरोजगार है तो कुछ मजदुर वर्ग के बेरोजगार.
इनकी राजनितिक भूमिका का विचार किया जाये तो ये अपने आप में बहुत ज्यादा प्रभावी मानी जाती है. क्योकि ये सभी युवा अपनी अफवाओ के जाल में फंसकर ही अपने मत मतान्तरो का का निर्माण करते है.
जिसमे इनके Social Media Platform एक सबसे बड़ा साथी है. सोशल मीडिया के राजनितिक भूमिका का हम आगे अध्ययन करेंगे. युवाओ की चुनाव में भूमिका के लिए एक ही वाक्य जो बहुत सटीक होगा वो कुछ इस तरह है.
भारत की राजनीती और चुनाव युवाओ के इर्दगिर्द गुमता है.
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सोशल मिडिया और भारतीय राजनीती
सोशल मीडिया का पुरे विश्व पर बढ़ता प्रभाव एक बहुत बड़ी क्रांति है. किसी भी खबर को यहाँ से वहा पहुचने का सबसे जलद साधन है. वैसे ही Social Media वर्तमान में राजनितिक विचारो के आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण साधन बनकर उभरा है.
परन्तु जैसे की हर बात का अपना एक फायदा और नुकसान होता है. ठीक वैसे ही सोशल मीडिया का भी अपना एक हानिप्रद पहलु है. जो ये अफवाहों को फ़ैलाने का भी एक साधन बन चूका है. जो की ज्यादातर राजनितिक फायदे के लिए किया जाता है.
जिससे चुनाव के परिणाम भी प्रभावित हुआ करते है. तो यह कहना सही होगा की ‘सोशल मीडिया राजनीती सफलता पाने के लिए समय-समय पर उपयोग किया जाने वाला ब्रम्हास्त्र है.’
राजनीती के प्रति बढती उदासीनता
राजनीती आज से करीब ३० सालो के पहले जो लगाव जनता में देखने को मिलाता था. वैसा लगाव आज के वर्तमान दौर में देखने को नहीं मिलता है. राजनीती एक फायदे के सौदा समझकर बड़े उद्योगपतियो से लेकर, असामाजिक तत्वों का भी राजनीती में बोलबाला हो चूका है.
राजनीती सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए की जा रही है न की जनता के हित के लिए ये धारणा बन चुकी है और इन सभी कारणों से जनता के लिए राजनीती के प्रति उदासीनता बढती जा रही है.
Conclusion :-
Indian Politics In 2022 इस विषय पर एक सफल चर्चा हुई ऐसा हमें लगता है. फिर भी कुछ ऐसे पहलु है जिनका विचार किया जा सकता था. जिन पहलुओ का विचार यहाँ किया गया है. वो आपको एक सटीक जानकारी देने में समर्थ रहे. ऐसा समझकर हम इस निष्कर्ष पर पहुचे है की, बदलते राजनीति में युवाओं की भूमिका, वर्तमान राजनीति में युवाओं की भूमिका, भारतीय राजनीती की कहावते, नेताजी और भारतीय राजनीती, भारतीय युवा और राजनीति, चुनाव में युवाओं की भूमिका, सोशल मिडिया और भारतीय राजनीती, राजनीती के प्रति बढती उदासीनता इन सभी मुद्दों के आधार पर निष्कर्ष में कहा जा सकता है. की, ‘Indian Politics In 2022 अपने आप में अनोखा अंदाज रखती है और नई राजनितिक विचारधारा का जन्म है.’