डिलीवरी कितने दिन में होती है – Mahila Ki Delivery Kitne Din Mein Hoti Hai – सटीक जानकारी
आज के लेख में आपको गर्भवती महिला की डिलीवरी से संबंधित एक प्रचलित सवाल डिलीवरी कितने दिन में होती है? इसका जवाब देंगे. उसी के साथ महिला की डिलीवरी के बारे में मिलते जुलते कुछ और सवाल जैसे महिला की डिलीवरी कितने दिन में होती है (Mahila Ki Delivery Kitne Din Mein Hoti Hai), Normal Delivery Kitne Week Me Hoti Hai और Delivery Kitne Din Hoti Hai इस बारे में सम्पूर्ण जानकारी देखेंगे. इसी के बाद ही आपको आपके सवाल Delivery Kitne Week Me Hoti He? का सम्पूर्ण जवाब मिल जायेगा.
महिला की डिलीवरी कितने दिन में होती है – Delivery Kitne Din Hoti Hai – प्रस्तावना
किसी भी महिला के लिए सबसे ख़ुशी की बात उसका माता बनाना होता है. जब की कोई महिला माता बनती है तब उसे कितनी ख़ुशी होती है यह केवल वही महिला बयां कर सकती है. आपको बता दे की, कुछ महिलाये केवल गर्भवती (Pregnant) होने पर ही इतनी खुश हो जाती है मानो सारा जहान पा लिया हो.
जो महिलाये गर्भवती (Pregnant) हो जाती है और जिनका यह पहला अनुभव होता है. उन गर्भवती महिला की डिलीवरी के बारे में बहुत से सवाल उनके मन में घूमते रहते है. इसके लिए वो अपने बड़े लोगो जैसे भाभी, बुआ, बड़ी बहन इस प्रकार की लोगो से सवाल पूछते है. उनमे से कुछ गर्भवती महिला इस प्रकार के सवाल करने में हिचकती है. इसीलिए वो ये सवाल Google महाशय से ही पूछ लेती है.
महिला की डिलीवरी के बारे में सबसे ज्यादा पूछे जाने वाला प्रश्न डिलीवरी कितने दिन में होती है? नवम्बर की रिपोर्ट के अनुसार महिला की डिलीवरी कितने दिन में होती है? इसी सवाल को गूगल पर सबसे अधिक सर्च किया गया है.
यही कारण है की, हमारे ब्लॉग के महानुभावो ने इस सवाल के बारे में लेख लिखने का कार्य शुरू कर दिया. उसी के फलस्वरूप आज ये लेख आप पढ़ रहे है.
निचे विषय तालिका के आधार पर Normal Delivery Kitne Week Me Hoti Hai इस बारे में जानकारी आपको प्राप्त होगी.
विषय तालिका – Table of Content
- महिला की डिलीवरी का गर्भकाल और अन्य प्रजातियों के गर्भकाल – जानिए
- Mahila Ki Delivery Kitne Din Mein Hoti Hai – डिलीवरी कितने दिन में होती है – संक्षिप्त जवाब
- डिलीवरी कितने दिन में होती है – Mahila Ki Delivery Kitne Din Mein Hoti Hai – विस्तृत जवाब
- गर्भवती महिला की डिलीवरी : महिला की डिलीवरी के फुल टर्म जानिए
- गर्भवती महिला की डिलीवरी : 36 हफ्ते में डिलीवरी होने के नुकसान
- महिला की डिलीवरी कितने दिन में होती है – Delivery Kitne Din Me Hoti Hai – Youtube की राय
- महिला की डिलीवरी कितने दिन होने वाली है इसके सटीक संकेत
आइये शुरू करते है……………..!
महिला की डिलीवरी का गर्भकाल और अन्य प्रजातियों के गर्भकाल – जानिए
जैसा की इस ब्लॉग का विषय है डिलीवरी कितने दिन में होती है. किन्तु इस सवाल से इस बात को स्पष्ट रूप से समझ नहीं पा रहे है की आप किसके डिलीवरी का समय जानने के लिए इस प्रश्नों को गूगल पर सर्च कर रहे है. क्या आप किसी गर्भवती महिला की डिलीवरी का समय जानने की कोशिश कर रहे है. इसके लिए हमारे ब्लॉग के लेखको ने महिला की डिलीवरी का गर्भकाल के साथ ही अन्य प्रजातियों के गर्भकाल के बारे में जानकारी देने का निश्चय किया जो आपको निचे बताने जा रहे है.
अधिकतर प्रजातियों में जन्म होने से पहले भ्रूण-शुक्राणु कितना बढ़ता है और इस भ्रूण-शुक्राणु के बढ़ने की अवधि ही उस प्रजाति की “गर्भ काल” की लंबाई को निर्धारित करता है. ये तो निश्चित ही है की, बड़े जानवरों का गर्भकाल सामान्य रूप से छोटी प्रजातियों की तुलना में ज्यादा अवधि का होता है. निचे कुछ प्रजातियों के गर्भकाल के बारे में समझ लेते है.
जैसे..!
1. हाथी का गर्भ काल 624 दिन का होता है.
2. एक बिल्ली का गर्भ काल सामान्य रूप से 58-65 दिन का होता है.
3. किन्तु इसमें ध्यान देने वाली बात ये है की, भ्रूण का बढ़ना गर्भकाल की लंबाई को निर्धारित करता है ये बात सभी प्रजातियों पर लागु नहीं होती है.
4. वैसे तो सभी प्रजातियाँ प्रजनन काल में ही प्रजनन करती हैं और कुछ वर्ष के ठीक उसी समय शिशु को जन्म देते है जब उन्हें भोजन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हो पाए.
5. कुछ अन्य कारण भी गर्भकाल को निर्धारित करने में मुख्य भूमिका में होते है. जैसे मनुष्यों में, नर के शुक्राणु सामान्य रूप से मादा शुक्राणु से कई दिन अधिक गर्भ में रहते हैं.
6. इसमें भी यदि गर्भ में अधिक या जुड़वा बच्चे हों तो गर्भकाल की अवधि कम हो सकती है.
7. उस प्रजाति की नस्ल भी गर्भकाल को घटा या बढ़ा सकती है.
8. कुत्तों में गर्भ काल और कम शावक पैदा होने के बीच एक सकारात्मक संबंध होता है.
9. आपको बता दे की, शेरनी का गर्भकाल 110 दिनो का होता हैं
10. जबकि ऊट का गर्भकाल 400 दिन का होता है.
अपने देखा की किसी प्रकार से हमारे द्वारा आपको एक सम्भावना के आधार पर बताया गया की, Delivery Kitne Din Me Hoti Hai इस बारे में आपका नजरिया क्या है इसको समझ नहीं आने की वजह से हमें इस उपरोक्त सेक्शन को जोड़ना पड़ा.
किन्तु आप महिला की डिलीवरी कितने दिन में होती है इस बारे में जानने के लिए गूगल में इस सवाल को सर्च कर रहे थे तो आप सही जगह पर आये है. आगे हमारे द्वारा इस बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे. जिसमे सबसे पहले Mahila Ki Delivery Kitne Din Mein Hoti Hai इस बारे में संक्षिप्त जवाब को समझेंगे.
Mahila Ki Delivery Kitne Din Mein Hoti Hai – डिलीवरी कितने दिन में होती है – संक्षिप्त जवाब
इस लेख में आपके सबसे अहम सवाल डिलीवरी कितने दिन में होती है (Delivery Kitne Week Me Hoti He) इस बारे में चर्चा की शुरवात में बिलकुल संक्षिप्त में इसका जवाब देंगे उसके बाद इसकी विस्तृत चर्चा करेंगे.
प्रश्न:- डिलीवरी कितने दिन में होती है? (महिला की डिलीवरी कितने दिन में होती है?)
जवाब:-
महिला की डिलीवरी के लिए सबसे सही और सुरक्षित काल नौ महीने नौ दिन (9 महीने 9 दिन) माना जाता है. जिसे हम सप्ताहों में देखे तो 39 से 40 हफ्तों के बिच में सबसे सही समय महिला की डिलीवरी का माना गया है. जो शिशु 37 से 38 हफ्ते छह दिन के बीच पैदा हुए हैं उन बच्चो के जन्म लेने को Early Term अर्थात Full Term से पहले पैदा होने वाले बच्चे ऐसे कहा जाएगा
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डिलीवरी कितने दिन में होती है – Mahila Ki Delivery Kitne Din Mein Hoti Hai – विस्तृत जवाब
ऐसी मान्यता है की, सम्पूर्ण नौ महीने पूरे होने से पहले यदि किसी महिला की डिलीवरी हो जाने पर शिशु का पूरा विकास नहीं हुआ होता है. इसके विपरीत 36वें हफ्ते में यदि बच्चे का जन्म होता है तो यह सही समझा जाता है.
किन्तु एक समय था जब 37वें सप्ताह को शिशु के जन्म के लिए Full Term अर्थात शिशु का गर्भ में सम्पूर्ण विकास हो गया है ऐसा माना जाता था, किन्तु अब ऐसा नहीं है.
विगत वर्षो में डॉक्टिरों के द्वारा इस बारे में शोध की गयी और इस निष्कर्ष पर पहुचे की, 37वां सप्ताह में डिलीवरी होने से कुछ परेशानिया सामने आ सकती हैं. यह समय बच्चे के लिए माता के गर्भ से बाहर आने के लिए सुरक्षित समय नहीं होता और कुछ समय उसे अपनी माता के गर्भ में ही रहना चाहिए. इसका कारण हम निचे समझेंगे.
गर्भवती महिला की डिलीवरी : महिला की डिलीवरी के फुल टर्म जानिए
ऐसे बच्चो की संख्या बहुत ज्यादा थी जो 37वें सप्ता ह में कुछ परेशानियों के साथ जन्मे थे. इसलिए “American College of Obstetricians and Gynecologists” ने अपने अधिकारिक दिशा निर्देशों में कुछ बदलाव किए थे. जो कुछ इस प्रकार है :-
1. अब 39 हफ्ते समाप्त होने के बाद ही प्रेगनेंसी को Full Term माना जाएगा.
2. जो शिशु 37 से 38 हफ्ते छह दिन के बीच पैदा हुए हैं उन बच्चो के जन्म लेने को Early Term अर्थात Full Term से पहले पैदा होने वाले बच्चे ऐसे कहा जाएगा.
3. नए दिशा निर्देशों के अनुसार, अब बच्चोंी को अधिक समय तक मां के गर्भ में रहना है. किन्तु पुरानी धारण में 37 हफ्ते भी Full Term माने जाते हैं तो ये गलत नहीं है क्योकि इसे भी पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता है.
4. कुछ स्थि4तिया ऐसी होती है जब 36 सप्ताेह को भी सही माना जा सकता है और आपको बता दे की, ज्यादातर केसेस में इसका उत्तर हां ही होता है, किन्तु 36 हफ्ते में डिलीवरी को लेकर आपको अपनी डॉक्टर के परामर्श और कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखना चाहिए.
4. कई बार कुछ ऐसी परिस्थितिया होती है की, डॉक्टर्स को नौ महीने पूरे होने से पहले ही महिला की डिलीवरी करवानी पड़ती है और ये विकल्प जच्चा और बच्चा दोनों को बचने के लिए किया जाता है किन्तु फिर भी Full Term से पहले बच्चों का जन्म जोखिम का सन्देश होता है.
गर्भवती महिला की डिलीवरी : 36 हफ्ते में डिलीवरी होने के नुकसान
ऊपर अपने जाना की डिलीवरी कितने दिन में होती है और आगे हम 36 हफ्ते में किसी गर्भवती महिला की डिलीवरी हो जाती है तो उसके नुकसान क्या होते है.
डॉक्टर्स के सामने कई बार ऐसी सिचुएशन निर्माण हो जाती है की, नौ महीने पूरे होने से पहले ही महिला की डिलीवरी करवाना पद जाता है. किन्तु इस फुल टर्म पूरा होने का होता है इसी कारण बच्चे को थोडा जोखिम रहता है.
36 वे हफ्ते में जन्मे शिशु को लेट प्रीटर्म अर्थात बच्चाु जल्दी पैदा हुआ, लेकिन प्रीटर्म के महीनों के हिसाब से थोड़ा लेट जन्मर हुआ है. Obstetrics and Gynaecology के अनुसार, 34 सप्ताsह से लेकर 36 सप्ताtह के बीच पैदा हुए बच्चेi लेटप्रीटर्म वाले होते हैं.
आपको बता दे की, 36वें हफ्ते के पूर्ण होने के बाद स्वातस्य् ल समस्यााएं आने का खतरा कम होता चला जाता है. यहां तक कि, 35वें हफ्ते के बाद पैदा होने वाले शिशु को भी खतरा कम ही होता है. किन्तु लेटप्रीटर्म वाले बच्चों में सेप्सिस, रेस्पिरेट्री डिस्ट्रे स सिंड्रोम, पीलिया, लो बर्थ वेट, पेटेंट डक्टतस आर्टेरीओसस, बच्चे के विकास होने में देरी और मत्युर का खतरा बना रहता है.
दिक्कटतों की वजह से लेटप्रीटर्म बच्चोंक को Neonatal intensive care unit में रखने का मौका आन पड़ता है. किसी किसी बच्चे को हॉस्पिटल से छुट्टी के बाद फिर से एडमिट करवाने की आवश्यकता पड़ जाती है.
जो बच्चे 36वें हफ्ते में जन्म लेते है उन बच्चोंश में “रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम” का खतरा होता है रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम मनुष्य के श्वसन प्रक्रिया को बुरी तरह से प्रभावित करके फेफड़ों को हानि पहुंचा सकता है और इससे सांस लेने में तकलीफ होती है. यदि इस पर जल्दी से इस्लाज नहीं किया गया तो इससे जान का खतरा होता है.
आपको बता दे की, 36वें सप्ता ह में कोई भी गर्भवती महिला अपनी मर्जी से डिलीवरी नहीं करवाती है. किन्तु कभी-कभी गर्भवती महिला के सामने कुछ ऐसी परिस्थितिया निर्माण हो जाती है की, लेटप्रीटर्म बच्चे को जन्म देना पड़ता है. यदि आपके सामने ऐसी स्थिति आजाये तो अपने डॉक्ट र से पहले ही इसका खुलासा कर ले की ऐसा करने से बच्चेस को किस तरह का नुकसान तो नहीं होगा.
उपरोक्त सभी बांतो का सार रूप में कहा जाते तो “माता के गर्भ में शिशु जितना अधिक समय तक रहेगा उसका ही उसका विकास अच्छेर तरह से होगा”
महिला की डिलीवरी कितने दिन में होती है – Delivery Kitne Din Me Hoti Hai – Youtube की राय
यदि आप हमारे ब्लॉग की नियमित पाठक होंगे तो आपको ये ज्ञात ही होगा की हमारे द्वारा किसी भी सवाल की बारीकियो को आपके सामने रखने के लिए हम कोई भी कसर नहीं छोड़ते है. चाहे इसके लिए हमे सभी प्लेटफार्म को छानना पद जाये. इसीलिए आपके लिए Women Corner के विडियो गर्भ में शिशु “कितने हफ्ते” रहता है अर्थात महिला की डिलीवरी कितने दिन में होती है निचे आप विडियो देख सकते है. 👇👀👇
महिला की डिलीवरी कितने दिन होने वाली है इसके सटीक संकेत
उपरोक्त अपने जाना की, Normal Delivery Kitne Week Me Hoti Hai या फिर यु कहे की, डिलीवरी कितने दिन में होती है. किन्तु इसके साथ ही एक अन्य सवाल पर भी प्रकाश डालना आवश्यक है क्योकि यह सवाल भी आज के विषय से मिलता जुलता है.
इसका जबाब देने के लिए आपके सामने Women Corner के इस YouTube Channel के विडियो रखते है. जिसमे आपको जानकारी मी जाएगी की, कैसे जाने शिशु जन्म में कितने दिन है या कितने सप्ताह है. निचे आप विडियो देख सकते है.👇👀👇
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महिला की डिलीवरी के बारे में बार-बार पूछे जाने वाले सवाल – Frequently Asked Questions About Normal Delivery
इस लेख में आगे आपको गर्भवती महिला की डिलीवरी के बारे में लोगो के द्वारा गूगल पर बहुत से सवाल पूछे जाते है उनमे से Frequently Asked Questions के अंतर्गत कुछ सवालो को हमारे द्वारा समिल्लित किया जा रहा है जिनके जवाब भी आपको इसमें देखने को मिलेंगे.
Question No.1 :- 9 महीने में डिलीवरी कब हो सकती है?
Ans :- प्रेगनेंसी के नौवे महीने में शिशु का विकास पुर्णतः हो चुका होता है और शिशु का वजन भी बढ़ जाता है. यदि इस समय आपकी प्रेगनेंसी का नौवे महीने हा तो बस आपका इंतजार ख़त्म हो चूका है कुछ ही दिनों में आपका बेबी आपके गोद में खेलेगा.
Question No.2 :- नार्मल डिलीवरी कितने दिनों में होती है?
Ans :- नार्मल डिलीवरी 37 हफ़्ते (259 दिन) से लेकर 42 हफ़्ते (294 दिन) के बीच में हो सकती है क्योकि इस समय तक शिशु का विकास पूरी तरह से हो चूका होता है.
Question No.3 :- नॉर्मल डिलीवरी के लिए बच्चे का वजन कितना होना चाहिए?
Ans :- नॉर्मल डिलीवरी के लिए बच्चे का वजन अर्थात नॉर्मल वेट 2.5 से 3.5 K.G. के लगभग होना चाहिए और Full Term में जन्म लेनेवाले लगभग 80 प्रतिशत शिशुओ का नॉर्मल वेट इतना ही होता है.
Note :- इस लेख के माध्यम से हमारा उद्देश्य केवल आपको से जानकारी देना है. हम आपको उपचार की सलाह या किसी तरह दवा के उपयोग की सलाह नहीं देते है. ये लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से इन्टरनेट पर उपलब्ध जानकारी को संगृहीत करके आपके लिए लिखा गया है. ये जानकारी बहुत से लोगो के लिए उनके शरीर के मुताबिक लागु हो सकती है. लेकिन आपको हमारी अंतिम सलाह यही है की, अधिक जानकारी अपने अपने डॉक्टर और स्त्री विशेषज्ञ (Gynecologist) से मिलकर ही लीजिये हैं.
Conclusion :-
आज के महिला की डिलीवरी से संबंधित लेख डिलीवरी कितने दिन में होती है या फिर महिला की डिलीवरी कितने दिन में होती है पर लिखा गया था. जिसमे गर्भवती महिला की डिलीवरी और Mahila Ki Delivery Kitne Din Mein Hoti Hai, Delivery Kitne Week Me Hoti He और Normal Delivery Kitne Week Me Hoti Hai इस पर काफी गहन चर्चा की गयी जिसमे आपके सभी सवालो के जवाब आपको मिले होंगे ऐसा मुझे लगता है.