गिलोय क्या है | What is Giloy | Giloy In Hindi | Giloy Plant | Amrutha Balli information in Hindi

What is Giloy In Hindi – Giloy Meaning – गिलोय क्या है

 

इस लेख में गिलोय (Giloy) के बारे में जानकारी देंगे. जिसमे What is Giloy, गिलोय कब खाना चाहिए, गिलोय का सेवन कैसे करें, Giloy Meaning इस प्रकार की बातों पर चर्चा करेंगे.

गिलोय की एक बहुवर्षिय लता होती है. अंग्रेज़ी भाषा में Giloy को “टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया” कहा जाता है. Giloy Leaves पान के पत्तो के सामान होते हैं. आयुर्वेद में Giloy को यथा अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी, आदि नामों से भी जाना जाता है. “अमृता” नाम के पीछे का कारण इसका अमृत की तरह गुणकारी होने से है. 

गिलोय को ज्वर की महान औषधि के रूप में आयुर्वेद साहित्य में बताया गया है. वैसे ही Giloy Plant को जीवन्तिका भी कहा गया है. 

 

What-is-Giloy
What is Giloy


गिलोय के बारे में तो सुना ही होगा. परन्तु गिलोय की क्या पहचान है या फिर ये देखने में कैसा होता है. गिलोय के बारे में इस लेख में विस्तार से चर्चा करेंगे.

 

Table of Contents Covered In This Post by Indian Gappa

 

  • गिलोय क्या होता है और कहा पाई जाती है – Giloy In Hindi – Giloy Tree 
  • गिलोय का आन्तरिक भाग कैसा होता है – Giloy Meaning – Giloy Plant 
  • गिलोय की काण्ड – गिलोय की बेल – Giloy In Hindi – Giloy Meaning
  • गिलोय की प्रजातियां – Giloy Uses
  • गिलोय – Giloy In Hindi – Giloy Image 
  • गिलोय के विभिन भाषाओं में नाम (Giloy Names in Different Languages)
  • Scientific Classification of Giloy – गिलोय का वैज्ञानिक वर्गीकरण
  • Giloy In Hindi – गिलोय के महत्वपूर्ण तत्व
  • गिलोय के पत्ते – Giloy Leaves – How To Use Giloy Leaves
  • गिलोय – Giloy Leaves – How To Use Giloy Leaves In Hindi
  • How To Use Giloy – Uses of Giloy
  • गिलोय का सेवन कैसे करें – How To Take Giloy – Giloy for immunity
  • गिलोय का सेवन जूस के रूप
  • गिलोय का सेवन काढ़ा बनाकर
  • गिलोय चूर्ण का सेवन
  • गिलोय की गोली का सेवन  
  • गिलोय कब खाना चाहिए – When To Take Giloy

 

                            तो आइये जल्दी सुरु करते है……..

 

गिलोय क्या होता है और कहा पाई जाती है – Giloy In Hindi – Giloy Tree 

 

गिलोय बेला रूप में पाया जाता है. इसकी बेला जंगलों में, खेतों की मेड़ों पर, पहाड़ों की चट्टानों में आदि स्थानों पर साधारण रूप में गोलाकार चढ़ती हुई मिल जाती है. ये हर प्रकार के पेड़ो पर जैसे आम और नीम के वृक्ष के ऊपर भी यह मिलती जाती है. गिलोय के बारे में कहा जाता है की ये जिस वृक्ष को ये अपना आधार बनाती है, उस पेड़ के गुणों को अपने में समाहित कर लेती हैं। 

इसलिए नीम पर पाई जाने वाली Giloy Plant श्रेष्ठ औषधि होती है. इसकी बेला काफी मोटी होती है जिसको इस प्रकार समझ सकते है जैसे अपनी अगुली और अंगूठे की मोटाई के बराबर होता है. 

जितनी ज्यादा पुरानी गिलोय उसका कांड बेला उतना ही ज्यादा मोटा हो सकता है. गिलोय से जगह जगह पर इसकी जड़ें नीचे की ओर लटकती रहती हैं. वैसे ही खेतों अथवा चट्टानों पर पाये जाने वाली गिलोय की जड़ें जमीन के अन्दर घुसकर दूसरी बेला को जनम देती हैं.

 

गिलोय का आन्तरिक भाग कैसा होता है – Giloy Meaning – Giloy Plant 

 

Giloy के बेलकाण्ड की ऊपरी छाल बहुत पतली होती है. जिसका रंग थोडा भूरा होता है. छाल को हटा देने पर इसके अन्दर मांसल भाग हरित दिखाई देता है. Giloy के बेलकाण्ड को काटने पर इसका अन्तर्भाग चक्र के आकार का दिखाई देता है. 

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गिलोय की काण्ड – गिलोय की बेल – Giloy In Hindi – Giloy Meaning

 

Giloy Plant की ताजे काण्ड की छाल हरे रंग की तथा काफी गूदेदार होती है. इसकी बाहरी चमड़ी कुछ भूरे रंग की होती है तथा एकदम पतली होने के साथ ही कागज के पत्तों के रूप में छूटती है. ये काण्ड जगह-जगह पर पर गांठ के समान उभार पाए जाते हैं. 

यही गिलोय काण्ड सूखने पर पतला हो जाता है. इस सूखे काण्ड को टुकड़े करके बाजार में बेचा जाता हैं. जो बेलनाकार आकार में लगभग १ इंच व्यास का होता हैं. इन गिलोय काण्ड पर से इसकी छाल का काष्ठीय भाग से आसानी से अलग निकला जा सकता है. Giloy का स्वाद काफी तीखा होता है. परन्तु इसकी सुगंध विशेष नहीं होती है. 

गिलोय काण्ड की पहचान करने के लिए एक सिंपल सा परीक्षण हम कर सकते है कि इसके काढ़े में जब आयोडीन का घोल मिलाया जाता है तो वो काढ़ा गहरा नीला रंग का हो जाता है. ये गुणधर्म स्टार्च होने का परिचय देता है. वैसे गिलोय काण्ड में मिलावट कम होती है फिर भी सही पहचान करके ही इसे खरीदना चाहिए. 

नीम के वृक्ष पर चढ़ी हुई गिलोय को इसके औषधीय गुणों के आधार पर “नीमगिलोय” सर्वोत्तम मानी जाती है. क्योंकि गिलोय उस वृक्ष के सारे गुण अपने अंदर समाहित कर लेती है जिस वृक्ष पर भी ये होती है. यही कारण है की नीमगिलोय याने नीम के वृक्ष से उतारी गई गिलोय की बेल में नीम के गुण शामिल हो जाते हैं.

 

गिलोय की प्रजातियां – Giloy Uses

 

गिलोय (Giloy) की विभिन्न प्रजातियां पाई जाती हैं. लेकिन आज आपको Giloy In Hindi के इस लेख में  मुख्यतया निचे प्रमुख प्रजातियों के बारे में जानकारी देंगे. जिनका प्रयोग चिकित्सा के लिए किया जाता है. तो आइये देख लेते है “गिलोय की प्रजातियां

जिसमे गिलोय की पहली प्रजाति है – (Tinosporacordifolia (Willd.) Miers), 

दूसरी प्रजाति है- Tinosporacrispa (L.) Hook. f. & Thomson 

और 

तीसरी प्रजाति है – Tinospora sinensis (Lour.) Merr. (Syn- Tinospora malabarica (Lam.) Hook. f. & Thomson)

 

गिलोय – Giloy In Hindi – Giloy Image 

 

गिलोय को आयुर्वेद में रसायन माना जाता है. जो आपके स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा होता है. परन्तु बहुत से लोग इसके बारे में कुछ जानकारी को मिस करते है. Giloy Tree या Giloy Plant कैसा दिखाई देता है. इसके बारे में जानकारी देंगे. तो आइये Giloy Image देखते है.

 

गिलोय के विभिन भाषाओं में नाम (Giloy Names in Different Languages)

 

गिलोय का लैटिन नाम है टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया (Tinospora cordifolia (Willd) Miers, Syn-Menispermum cordifolium Willd.) है और यह मैनिस्पर्मेसी (Menispermaceae) कुल है. इसे इन नामों से भी जानी जाती हैः-

 

Giloy in –

 

Hindi में (Giloy in Hindi) – अमृता, गिलोय, गडुची 

 

English में – हार्ट लीव्ड टिनोस्पोरा (Heart leaved tinospora), इण्डियन टिनोस्पोरा (Indian tinospora), गांचा टिनोस्पोरा (Gulancha tinospora) मून सीड (Moon seed);  टिनोस्पोरा (Tinospora)

 

Bengali में (Giloy in Bengali) –पालो गदंचा (Palo gandcha), गुंचा (Gulancha), गिलोय (Giloe)

 

संस्कृत में – (In Sanskrit) छिन्नरुहा, गुडूची, वत्सादनी, अमृता, तत्रिका, अमृतलता, मधुपर्णी, छिन्ना, भिषक्प्रिया, अमृतवल्ली.

 

ओरिया में – (In Oriya) –गुलोची (Gulochi), गुंचा (Gulancha)

Kannada –अमृतवल्ली (Amritvalli), युगानीवल्ली (Yuganivalli), अमृथावल्ली(Amrutavalli), मधुपर्णी (Madhuparni)

 

गुजराती में (In Gujarati) –गालो (Galo), गुलवेल (Gulvel)

 

गोवा में – (In Goa) – अमृतबेल (Amrytbel)

 

तमिल में – (InTamil) – शिन्दिलकोडि (Shindilkodi), अमृदवल्ली (Amridavalli),

 

तेलगु में – (In Telugu) – अमृता (Amrita), तिप्पतीगे (Tippatige),  गुडूची (Guduchi)

 

नेपाली में – (In Nepali) – गुर्जो (Gurjo)

 

पंजाबी में – (In Punjabi) –गरहम (Garham), गिलोगुलरिच (Gilogularich), पालो (Palo)

 

मराठी में – (In Marathi) –अम्बरवेल(Ambarvel), गुलवेल (Gulavel)

 

मलयालम में – (In Malayalam) –पेयामृतम (Peyamrytam), अमृतु (Amritu),  चित्तामृतु (Chittamritu)

 

अरेबिक में – (In Arabic) – गिलो (Gilo)

 

पर्सियन में – (In Persian) –गिलोय (Giloe), गुलबेल (Gulbel)

 

Scientific Classification of Giloy – गिलोय का वैज्ञानिक वर्गीकरण

 

गिलोय का वैज्ञानिक जगत : पादप होता है.

गिलोय का वैज्ञानिक विभाग : मैग्नोलियोफाइटा होता है.

गिलोय का वैज्ञानिक वर्ग : मैग्नोलियोप्सीडा होता है.

गिलोय का वैज्ञानिक गण : Ranunculales होता है.

गिलोय का वैज्ञानिक कुल : Menispermaceae होता है.

गिलोय का वैज्ञानिक वंश : Tinospora होता है.

गिलोय की वैज्ञानिक जाति : T. cordifolia होता है.

गिलोय का द्विपद नाम :- Tinospora cordifolia (Thunb.) Miers ऐसा होता है. 

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Amrutha Balli information in Hindi – “अमृता बली” याने “गुडुची” या “गिलोय”

 

देखिये यहाँ जानने वाले बात ये है की, ओरिया भाषा में “गिलोय” को “अमृता बली” कहा जाता है. इसीलिए आपको इसमें संदेह रखने की कोई भी जरूरत नहीं है की, Amrutha Balli (अमृता बली) कोई अलग प्रकार की औषधी है. 

 

हमारा भारत देश में असंख्य औषधीय पौधे पाए जाते है. इनमें सबसे अधिक उपयोग में लायी जाने वाली जड़ी-बूटी और प्रमुख औषधीय सूची में ‘अमृता बली‘ (Amrutha Balli) का स्थान सबसे ऊपर है. यह एक अद्भुत औषधी है जो अपने अद्भुत मूल्यों और स्वास्थ्य में चमत्कारी लाभों के साथ एक प्राचीन जड़ी-बूटी है. 

 

इसका नाम ‘अमृता’, होना भी एक अर्थ में सही है. ‘अमरता की जड़’ या ‘अमृत’ इस अर्थ में ही पौधे को नाम दिया गया है. 

 

भारत में रहने वाले मूल निवासी सदियों से भारतीय चिकित्सा में एक दिव्य जड़ी बूटी के रूप में ‘अमृता बली‘ (Amrutha Balli) का उपयोग कर रहे है. 

 

पर्वतारोही जब हिमालय में जाते है तब इसे आयुर्वेद में “गुडुची” या “गिलोय” के नाम से इसका परिचय करवाले है. मधुमेह जैसे बीमारियों में ‘गिलोय’ का उपयोग सर्वोत्तम और प्रभावकारी है. 

Giloy In Hindi – गिलोय के महत्वपूर्ण तत्व

 

गिलोय आपको अधिकतर बीमारियों से कोसों दूर रखते हैं. इसका प्रमुख कारण गिलोय में पाये जाने वाले उसके प्रमुख तत्व है. जिन तत्वों में गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड तथा पामेरिन, टीनोस्पोरिन और टीनोस्पोरिक ये एसिड मुख्यरूप से पाया जाता है. इसके अलावा इसमें जिंक, आयरन, कॉपर, फास्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम तत्व पाए जाते हैं. वैसे ही एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी-कैंसर आदि तत्व पाए जाते हैं. 

 

गिलोय के पत्ते – Giloy Leaves – How To Use Giloy Leaves

 

Giloy Leaves हृदय के आकार के होती है. या फिर कहा जाये के खाने के पान की तरह एकान्तर क्रम में व्यवस्थित लगे होते हैं. गिलोय के Leaves अंदाजे २ से ४ इंच तक व्यास में होते हैं. गिलोय के पत्ते स्निग्ध होकर इनमें ७ से ९ नाड़ियाँ होती हैं. गिलोय के पत्र-डण्ठल लगभग १ से ३ इंच लंबा होता है. Giloy Plant के फूल ग्रीष्म ऋतु में छोटे-छोटे पीले रंग के गुच्छेदार हो जाते हैं. इसके फल भी गुच्छों में ही उग जाते हैं. इसके फल छोटे मटर की आकार में पाये जाते हैं. गिलोय के फल पकने खून के कलर जैसे लाल हो जाते हैं. इसके बीज एकदम सफेद होने के साथ एकदम चिकने होते है. ये कुछ टेढ़े और मिर्च के दानों के समान होते हैं. Giloy Tree का सबसे उपयोगी अंग इसकी बेला याने काण्ड है. Giloy Leaves याने इसके पत्ते भी बहुत लाभदायक होते है.

 

How-To-Use-Giloy-Leaves
How To Use Giloy Leaves

 

 

गिलोय – Giloy Leaves – How To Use Giloy Leaves In Hindi

 

ऊपर हमने देखा की गिलोय के पत्ते किस प्रकार के होते है. आगे हम How To Use Giloy Leaves का अध्ययन करेंगे. जिसमे हम देखेंगे की गिलोय के पत्तो का उपयोग हम कैसे कर सकते है.

 

1. गिलोय के पत्ते स्वाद में कड़वे होने के साथ साथ कसैले एवं तीखे भी होते हैं. इसी कारण से इसे पचाने में हमे आसानी होती है. गिलोय के पत्ते का सेवन हमारी भूख को बढ़ाता है. साथ ही Giloy Leaves हमारी आंखों के लिए भी फायदेमंद होता है.

2. Giloy Leaves का उपयोग करके कफ और वात के साथ ही पित्त जैसी बिमारिया ठीक की जा सकता है.

3. गिलोय के पत्ते के इस्तेमाल से आप ज्यादा प्यास लगना, पेशाब में जलन, मधुमेह, पीलिया जैसे रोगों में इसका इस्तेमाल सकते हैं.

4. Giloy के Leaves के उपयोग आप वीर्य की मात्र बढ़ा सकते है. वैसे ही ये बुद्धि क्षमता को बढ़ाती है

5. महिलाओं में होनेवाली शारीरिक कमजोरी की स्थिति में Giloy Leaves बहुत अधिक लाभ पहुंचाती है. वैसे ही उलटी, बुखार, हिचकी, सूखी खाँसी, बवासीर, मूत्र रोग, टीबी, में भी इसका प्रयोग किया जाता है.

6. गिलोय हमारे इम्यूनिटी चक्र को ताकत देने का कार्य करता है. जिससे हम कई तरह की खतरनाक बीमारियों से बचे रहते है.

7. फॉस्फोरस, प्रोटीन, कैल्शि‍यम आदि गिलोय की पत्तिधयों में भरपूर मात्रा में पाया जाता है. वैसे ही गिलोय के पत्तियों में स्टार्च की मात्रा काफी होती है, इसीलिए आप गिलोय की पत्तियों को रोग प्रतिकारक वर्धक के रूप में उपयोग कर सकते है. 

8. गिलोय की पत्तियों का उपयोग बुखार को दूर करने के लिए किया जाता रहा है. अगर किसी को कुछ  दिनों से बुखार है. उसका बुखार कम नहीं हो पा रहा है तो ऐसे समय में गिलोय की पत्तिहयों को गरम पानी में काढ़ा बनाकर पीना एक सटीक उपाय हो सकता है. 

वैसे तो गिलोय का उपयोग पूरी तरह सुरक्षि‍त होता है लेकिन फिर भी आप जरुर एक बार डॉक्टर की सलाह जरुर ले ले.

 

How To Use Giloy – Uses of Giloy – Giloy Uses – How To Use Giloy In Hindi

 

आजकल बहुत से मित्रगन ये नहीं जानते की आखिर गिलोय का सेवन कैसे करें और किस मात्रा में इसका उपयोग करना चाहिए. जिससे आपकी सेहत पर इसका कोई बुरा असर भी न हो और आपको सिर्फ इसका लाभ ही हो. 

जिससे की हमारे उपर गिलोय के उपयोग का कोई बुरा असर हमारे शरीर पर न पड़े. क्योकि हम जिन दवाइयों का सेवन आजकल के दौर में कर रहे है. उन दवाइयों का फायदा कम और नुकसान ज्यादा हो रहा है.

 

How To Use Giloy In Hindi इसके बारे में चर्चा हम अपने आगे करेंगे. 

 

How-To-Use-Giloy

 

 

गिलोय का सेवन कैसे करें – How To Take Giloy – Giloy for immunity

 

गिलोय एक जड़ी कही जा सकती है. ये एक जड़ी बूटी की तरह ही हमारे शरीरी पर असर कर है. क्योकि किसी भी जड़ी बूटी का हमारे शरीरी पर कोई भी बुरा असर नहीं होता है. ठीक वैसे ही गिलोय का भी कोई विपरीत परिणाम हमारे शरीरी पर नहीं होता है.

गिलोय में एंटीऑक्सिडेंट काफी मात्र में होता है. ये एंटीऑक्सिडेंट हमारे शरीर में बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में काफी मददगार साबित होता है. 

ये भी माना जाता है, की गिलोय का सेवन से हमरी रोगप्रतिकार शक्ती को बढ़ाने में काफी मदद मिलती है 

इसका उपयोग में हम इसे Giloy for immunity भी कर सकते है. आपको आज ये बताएंगे की गिलोय का सेवन कैसे सकते हैं.

 

Giloy का Use आप तिन प्रकार से कर सकते हैं. 

 

जिसमे पहला है – गिलोय सत्व के रूप में याने गिलोय का जूस या गिलोय स्वरस, गिलोय का काढ़ा भी हम इसी भाग में रखते है. 

 

जिसमे दूसरा है – गिलोय चूर्ण

 

जिसमे तीसरा है – गोली के रूप जो की इसके जड़, तना, पत्ते इनसे बनती है. इन सभी में औषधिय गुण होते है.

 

                 आगे इसकी विस्तार से चर्चा करेंगे ………!

 

गिलोय का सेवन जूस के रूप

गिलोय का सेवन आप जूस के रूप में भी कर सकते है. यदि गिलोय की बेला या फिर इसका तना आपके पास उपलब्ध है. तो आप गिलोय का जूस बनाकर इसका सेवन कर सकते है. इसके लिए आपको इसके तने या बेल को अच्छी तरह से धो कर गर्म पानी करके उबाल लें. इस बात का ध्यान रहे की जितना पानी अपने लिए था उसका आधा ही पानी उबलने के बाद बचे. उसके बाद गैंस को बंद करके इसका सेवन आप इसके ठंडा होने के बाद कर सकते है.

आप अपनी रोग प्रतिकार क्षमता को बढ़ाने के लिए गिलोय का जूस एक गिलास रोज भी पी सकते हैं.

 

गिलोय का सेवन काढ़ा बनाकर

 

गिलोय का जूस की तरह ही आप इसका काढ़ा भी पी सकते है. आप गिलोय का काढ़ा बनाना चाहते है. तो उसकी विधि भी काफी मिलती जुलती है. गिलोय का काढ़ा के लिए आपको गिलोय के एक पिस, लगभग 4 से 5 तुलसी के पत्ते, 2 से 3 काली मिर्च, कच्ची हल्दी, अदरक, अश्वगंधा को इमामदत्ता में डालकर अपने गृहणी की मदत से कूट लें. 

इसके बाद एक गंजी में 1 गिलास पानी ले. फिर उसमे ये कूटी हुई सामग्री डालकर गर्म करें. इसे आप एकदम धीमी- धीमी आंच में पकने दें. जब ये पानी आधा बचे जाये. तब गैस को बंद करके इसे छान लें उसके बाद इसका हल्का गुनगुना रूप में सेवन करें. 

आप इस प्रकार के काढ़े का सेवन एक बार में आधा से एक गिलास तक कर सकते हो. इसे पिने से आपसे बिमारिया कोसो दूर रहेगी.

 

गिलोय चूर्ण का सेवन

 

How To Take Giloy इस सवाल एक जवाब में आपको ये जानना भी जरुरी है की, आप गिलोय का सेवन चूर्ण के रूप में भी कर सकते है. गिलोय का चूर्ण बनाने के लिए आपको गिलोय के पातियों को, उसके तने, उसके बेला को छोटे छोटे टुकडो में काट काटकर उसे धुप में सुखा लेना चाहिए.

उसके बाद सूखे हुए इस गिलोय के रूप को पिस लेना चाहिए. आप इसे मिक्सी में भी पिस सकते है या किसी पास की चक्की में भी ले जा सकते है.

ये गिलोय चूर्ण का बनाने के बाद आप इसे नियमित रूप से रोजाना सेवन कर सकते है. जो आपकी पाचन क्रिया को बढ़ाने में मदत करेगा.  

 

गिलोय की गोली का सेवन  

 

गिलोय एक बहुमूल्य पौधा है. ये हर जगह पर नहीं पाया जाता है. अगर पाया भी जाता है तो इसकी पहचान न होने के कारण लोग इसे ध्यान नहीं देते है. आपके सामने भी ऐसे समस्या हो तो आप गिलोय की गोलियां ला सकते हैं. जो हमे आसानी से बाजार में मिल जाती है. ये गिलोय की गोलीया बाजार में गिलोय घनवटी नाम से उपलब्ध हो जाती है. PATANJALI AYURVED LIMITED की वेबसाइट पर जाकर भी आप इसे ऑनलाइन खरीद सकते है.

 

गिलोय-घनवटी

 

ये गिलोय की गोलीया 5 से 10 साल के बच्चो को आधी से एक गोली दे सकते है. अगर बच्चा थोडा बड़ा हैं एक दिन में एक गोली दी जा सकती है. वैसे ही वयस्क व्यक्ति को दिन में दो गोली खा सकते है. 

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गिलोय कब खाना चाहिए – When To Take Giloy

 

गिलोय का सेवन प्रतिरक्षा_प्रणाली को बढाने के लिए करना चाहते हैं तो इसका सेवन आपको रोज करना चाहिए. इसके लिए आप गिलोय चूर्ण, गिलोय की गोली, गिलोय का काढ़ा, गिलोय का जूस का सेवन कर सकते हैं.

अब हम देख लेते है की, गिलोय का सेवन कब-कब कर सकते हैं इसके बारे में हम जान लेते है.

 

1. यदि आपको बुखार हैं तब आप गिलोय का काढ़ा का सेवन कर सकते हैं. वैसे ही गिलोय घनवटी का सेवन पानी के साथ दिन में दो बार खाने के बाद कर सकते है.

2. आप हमेशा जवां दिखने के लिए नियमित रूप से गिलोय का सेवन करें.

3. गिलोय सेवन अस्थमा की समस्या में काफी कारगर साबित हो सकता है. 

4. गिलोय आपकी सांसों से संबंधित रोगों से आराम दिलाने में मदद करता है. गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory) गुण पाएं जाते हैं. इसके लिए गिलोय चूर्ण को मुलेठी चूर्ण और शहद के साथ मिलाकर दिन में दो बार सेवन करना चाहिए.

5. गिलोय गठिया जैसे रोगों के उपचार में काफी कारगर है. गिलोय में एंटी-आर्थराइटिक गुण पाए जाते हैं. आप इसके लिए गिलोय जूस का सेवन कर सकते हैं.

6. पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए गिलोय का सेवन काढ़ा के रूप में कर सकते है.

7. यदि आपको डेंगू के कारण बिम्बाणु कम हो गए हैं तो आप गिलोय का काढ़ा सेवन करके प्लेटलेट्स को लेवल कर सकते है. आप रोजाना गिलोय का जूस दिन में बार पिया करे.

8. अगर शुगर कंट्रोल करना चाहते हैं तो आप गिलोय का जूस और चूर्ण का सेवन कर सकते हैं. 

9. यदि काफी दिनों से खांसी आ रही हैं. तो ऐसे समय से गिलोय के काढ़े का सेवन कर सकते हैं. 

10. गिलोय के जूस को शहद का पानी के साथ दिन में 2 बार पिने से शरीर में खून की ज्यादा कमी हो तो उसकी पूर्ति होती है. 

 

Conclusion :- 

आज के इस लेख What is Giloy In Hindi में हमारे ब्लॉग के माध्यम से गिलोय (Giloy) इस बहुमूल्य औषधिय और गुणकारी पौधे के बारे में जानकारी दी गयी है. जिसमे Giloy Tree, Giloy Plant, Giloy Leaves के साथ ही Giloy Meaning, How To Use Giloy In Hindi, गिलोय कब खाना चाहिए, गिलोय का सेवन कैसे करें इस पर एक सफल चर्चा की गयी. आपको ये जानकारी कैसी लगी ये हमें कमेंट में बताये. 

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