Student Life and Discipline – विद्यार्थी जीवन में अनुशासन

Student Life and Discipline with Conclusion

 
विद्यार्थी जीवन में किस प्रकार हमें अनुशासन का पालन करके अपने आने वाले जीवन को सफल बनाना चाहिए. आज के पोस्ट Student Life and Discipline में हम आपको बताने वाले है. विद्यार्थी हमारे देश की आने वाली पीढ़ी होते है और उनके ऊपर ही सम्पूर्ण देश का भविष्य निर्भर करता है. 

इसी कारण से हमें अपने आने वाली पीढ़ी को अनुशासन के पालन की सिख देते हुए उन्हें सफल बनाने में योगदान प्रदान करना चाहिए. यही कारण है की विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का अपना एक अगल स्थान है.
 
1. समाज में भूमिका को समझने में मदत करता है
2. विद्यार्थी जीवन की आधारशिला है 
3. परिश्रमी बनता है 
4. योग्य बनाकर जीवन सफलता की पथ पर लाता है  
 
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन के महत्त्व को हम निम्न मुद्दों के अधर पर समझ सकते है:-
 

  • समाज में भूमिका को समझने में मदत करता है :-

 

ये बात सत्य है की, मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है. समाज सफल समाज के निर्माण में अनुशासन की मुख्या भूमिका होती है. अनुशासन ही किसी भी व्यक्ति को समाज में एक उच्च दर्जा दिलाने में मदत करना है.
 
Student Life and Discipline
 
  • विद्यार्थी जीवन की आधारशिला है :-
एक विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन की महत्ता जितना हम समझते है उससे कही ज्यादा है. क्योकि, विद्यार्थी जीवन में जब हम होते है तब हमारा मन काफी कोमल होता है. इस समय जो हमें अनुशासन बताया जाता है वो हमें जीवन भर के लिए याद होता है. 

इसी अनुशासन के कारण विद्यार्थी जीवन में अनुशासन को आधारशिला के रूप में बताया गया है. कोई भी विध्यार्ती अपने जीवन में अनुशासन को अपनाये बिना सफल हो ही नहीं सकता है. जैसे अनुशासन प्रिय विद्यार्थी रोज ही अपने स्कूल जाता है और शिक्षको की बताई बातो का अनुसरण करता है. 

ऐसा अनुशासन प्रिय विद्यार्थी अपने हर कार्य को सही समय पर पूरा करने में ही अपना पूरा ध्यान लगाये रखता है. ये उसकी अनुशासन प्रियता उसे उसके जीवन में सफल बनाती है. अत: अनुशासन ही विद्यार्थी जीवन की आधारशिला है. इसमें कोई भी दोहराय नहीं है.
 

  • परिश्रमी बनता है :-

 

अनुशासन से जीवन में एक हमें अलग पहचान मिलती है. कुछ विद्यार्थी अपने जीवन में अनुशासन के लिए जाने जाते है. ऐसा करने वाले विद्यार्थी सदैव परिश्रमी बने रहते है. परिश्रम करने में वो कभी पीछे नहीं मुड़ते है. ये उनकी विद्यार्थी जीवन का परिश्रम उन्हें जीवन में बहुत आगे लेकर जाता है. और अपने सामाजिक जीवन में वो इसे अपनाये रखते है.
 
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  • योग्य बनाकर जीवन सफलता की पथ पर लाता है :-

 

अनुशासनहिन जीवन जीने से सफलता कोसो दूर भाग जाती है. इसीलिए अनुशासन केवल विद्यार्थियों के लिए ही आवश्यक नहीं है.जीवन के सभी क्षेत्र में अनुशासन उपयोगी सिद्ध होता है. अत: विद्यार्थी जीवन से ही इसकी यदि आदत पद जाये तो आगे के जीवन में इसे अपनाये रखने में कोई भी कठिनाई नहीं होती है. 

अनुशासन से अपने विद्यार्थी जीवन में चलने वाले अपने आने वाले जीवन में बहुत ही आगे तक निकल जाते है. देश की बागडोर सँभालने का अवसर उन्हें मिलता है.

  • वर्तमान दौर में अनुशासन की स्थिति :-

 

आज के वर्तमान समय में अनुशासन की स्थिति सोचनीय है. इसका मुख्य कारण बदती हुई व्यस्तता के कारण माता पिता का अपने बच्चो पर ध्यान नहीं दे पाना भी है. इस कारण से बच्चो में उनके अकेलेपण के कारण अनुशासन हीनता के लक्षण देखने को मिलते है. 

ऐसे कई उदाहरन है की, बच्चे के माता पिता बड़े पदों पर आसीन है परन्तु बच्चा किसी नशे की लत का शिकार पाया गया. याफिर किसी और गतिविधि में लिप्त पाया गया. जो की समाज के लिए घातक है.
 
इसका एक करना हमारे विद्यालयों की स्थिति भी है. जिसमे की 40 बच्चो की कक्षा में 100 बच्चो को एकसाथ बिठाया जाता है. ऐसे में सभी बच्चो पर ध्यान दे पाना असंभव है.
 
अनुशासन के बिना कोई भी अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकता, ये एक कडवा सत्य है. जिसे सभी लोग जानकर भी इसे नजरअंदाज कर देते है. और ये विद्यार्थी जीवन में सबसे जरुरी इसीलिए है की इस समय ही उनके अन्दर सभी अच्छे गुणों का विकास होता है. 

जो विद्यार्थी अनुशासन के महत्त्व को समझ जाते है वो आगे चलकर उच्च पदों पर आसीन होकर अपना जीवन सफल बना पाते है.
 
Conclusion :-
वर्तमान विद्यार्थी जीवन में अनुशासन को बनाये रखने की अत्यधिक आवश्यकता है. अनुशासनहीनता की समस्या को हमें अपने घर के बच्चो को उचित वातावरण प्रदान करके और सामूहिक प्रयास के माध्यम से समाप्त करके एक नए अनुशासन रूपी सूरज की किरने बिखेर सकते है. जिससे की हमारे भारत देश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा.