Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain | भाषा के प्रमुख प्रकार-रूप-भेद | Bhasha Ke Kitne Bhed Hote Hain

भाषा के कितने रूप होते हैं – Bhasha Kitne Prakar Ki Hoti Hai – भाषा के प्रकार-रूप-भेद 

 

प्रिय पाठको…..! आज आपको Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain? इस बारे में चर्चा करने वाले है. वैसे भाषा के कितने रूप होते हैं इस सवाल को सभी लोग अपनी अपनी समझ के मुताबिक Bhasha Ke Kitne Bhed Hote Hain, Bhasha Ke Kitne Prakar Hote Hain, Bhasha Kitne Prakar Ke Hote Hain और Bhasha Kitne Prakar Ki Hoti Hai इस तरह से खोजने की कोशिश करते है. ये सभी प्रश्न एक ही है.

 

आपके सवाल भाषा के कितने भेद होते हैं और भाषा कितने प्रकार के होते हैं या फिर भाषा के मुख्य कितने रूप हैं इसको समझाने के लिए हमारे ब्लॉग के विशेषज्ञों के द्वारा गहन अध्ययन के बाद इस लेख को लिखा है. 

 

आपको बता दे की, [भाषा के रूप] [भाषा के भेद] [भाषा के प्रकार] ये तीनो ही बात एक ही है याने एक दुसरे के पर्यायवाची है. इसीलिए इनका जवाब भी एक ही होगा. 

 

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Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain

 

इस चर्चा को प्रारंभ करने के पहले भाषा के प्रकार के बारे में कुछ सवाल देख लेते है जो Google पर ज्यादातर पूछे जाते है.👇👇👇

1. भाषा के मुख्य रूप कितने होते हैं?

2. Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain Hindi?

3. भाषा के प्रमुख रूप कौन-कौन से हैं?

4. Bhasha Kitne Prakar Ke Hote Hain Hindi Mein?

5. भाषा के मुख्य रूप कितने हैं?

6. Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain Bataiye?

7. भाषा के मुख्यतः कितने रूप होते हैं?

8. Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain Answer?

9. भाषा के कितने भेद होते हैं?

10. Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain Batao ?

 

Table of Content About भाषा के प्रकार

  • Bhasha Kitne Prakar Ke Hote Hain [भाषा कितने प्रकार के होते हैं] प्रस्तावना
  • Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain Answer [भाषा के मुख्य रूप कितने हैं] संक्षिप्त उत्तर 
  • Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain – भाषा के प्रकार-रूप-भेद – विस्तृत जवाब 
  • Wikipedia के अनुसार Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain – भाषा के प्रकार 
  • Q & A Platform, YouTube और Social Media के द्वारा बताये भाषा के प्रकार जानिए 
  • Quora के अनुसार भाषा के कितने भेद होते हैं ?
  • Vokal के अनुसार भाषा के कितने रूप होते हैं ?
  • YouTube के पर बताये Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain ?

आइये शुरू करते है…….! 👍👍👍

 

Bhasha Kitne Prakar Ke Hote Hain [भाषा कितने प्रकार के होते हैं] प्रस्तावना

 

वैसे भाषा तो एक विस्तृत विषय है जिसके बारे में यदि हमें लेख के माध्यम से आपको बताना है तो फिर हमें एक स्पेशल ब्लॉग लिखना होगा. लेकिन भाषा सन्दर्भ में आज इस लेख में Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain इस बारे में आपको एक सटीक जानकारी देने की सफल कोशिश करेंगे. 

 

इस लेख की प्रस्तावना रखते हुए हमें काफी हर्ष का अनुभव हो रहा है. जिसमे Bhasha Kitne Prakar Ki Hoti Hai और भाषा के मुख्य कितने रूप हैं ये पूरी शोध के बाद आपके सामने रख रहे है. इसके लिए कुछ विशेषज्ञों की मदत हमें लेनी पड़ी. जिनके द्वारा बताये अनुसार हम आपके लिए ये लेख लिखने के लिए प्रेरित हुए. 

 

Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain Answer [भाषा के मुख्य रूप कितने हैं] संक्षिप्त उत्तर 

 

यदि आप हमारे नियमित पाठक होंगे तो आपको पता होगा की हमारे ब्लॉग “इंडियन गप्पा” के द्वारा हर एक सवाल का संक्षिप्त और विस्तृत इस प्रकार जवाब दिया जाता है. क्योकि जरुरी नहीं है की हर एक व्यक्ति को विस्तृत जवाब पढना पसंद हो. इसीलिए Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain इस सवाल का Answer संक्षित्प में बताएँगे. उसके बाद इसका विस्तृत जवाब बताया जायेगा. भाषा के मुख्य रूप आप निचे देख सकते है.👇👇👇

1. बोलचाल की भाषा या बोलियाँ [Boliya]

2. मानक भाषा (Manak Bhasha) या परिनिष्ठित भाषा 

3. संपर्क भाषा या सम्पर्क भाषा [Sampark Bhasha]

4 . राजभाषा [RajBhasha]

5. राष्ट्रभाषा [RashtraBhasha]

6. अन्तर्राष्ट्रीय भाषा [Antrashtriy Bhasha ]

7. मातृभाषा [MatruBhasha]

8. प्रादेशिक भाषा [Pradeshik Bhasha]

 

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Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain Answer

 

इन सभी भाषा के प्रमुख रूपो के बारे में निचे विस्तार से चर्चा की जाएगी. 

 

Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain – भाषा के प्रकार-रूप-भेद – विस्तृत जवाब

 

अपने ऊपर Bhasha Ke Kitne Bhed Hote Hain इस बारे में संक्षेप में जानकारी प्राप्त की है. उसी के आधार पर निचे उन सभी भाषा के प्रकारों के बारे में निचे जानेंगे. तो आइये शुरू करते है. 

 

1. बोलचाल की भाषा या बोलियाँ [Boliya] :- 

यदि हम ‘बोली’ (Dialect) को समझ पाएंगे तब जाकर ‘बोलचाल की भाषा’ को समझने में आसानी होगी है. “बोलचाल की भाषा” को समझने के लिए “बोली” के बारे में जानना जरुरी है. ‘बोली’ हमारे आस पास में सभी लोगो के द्वारा बोली जाने वाली भाषा का एक मिश्रित रूप होती है. बोलियों फर्क हो महसूस कर पाना काफी मुस्किल है. क्योकि अधिकतर बोलिया एक दुसरे से मिलती जुलती होती है. 

 

इस प्रकार की सभी बोलिया जो समाज में सभी के द्वारा रोज की दिनचर्या में बोली जाती है उस ‘बोलचाल की भाषा’ को “बोली” कहते है. ये बोलिया और बोलचाल की भाषा ही सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा का रूप है. 

 

भारत जैसे विशाल जनसँख्या वाले देश में बोलिया हजारो-लाखो की संख्या में है. बोली के बारे में ऐसा भी कहा जाता है की, बोली बारिश में अचानक उगने वाली और नष्ट होने वाली घास पत्तो की तरह है और जो क्षेत्र-विशेष में जन्म लेती है मरती है और बोली जाती है. 

 

जैसे- मराठी, मगही, अवधी, भोजपुरी, इंग्लिश, तेलगु इत्यादि. भाषाओ को बोलने वालो में भी हर एक समाज वर्ग के लोगो की भाषा में कुछ अलग ही अंदाज की भाषा मिलती है. ये ही बोलिया कहलाती है. 

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2. मानक भाषा (Manak Bhasha) या परिनिष्ठित भाषा :- 

मानक भाषा या परिनिष्ठित भाषा यह भाषा का एक स्थिर तथा सुनिश्चित रूप हैं. इस भाषा में व्याकरण पर काफी जोर दिया जाता है. इसको व्याकरण के द्वारा नियन्त्रित किया जाता है. मानक भाषा या परिनिष्ठित भाषा साहित्य प्रयोग, शिक्षा और शासन में किया जाता है. 

 

इसे ऐसे कहा जा सकता है की, जब एक बोली या बोलचाल की भाषा को व्याकरण से नियंत्रित और परिष्कृत करके एक स्थिर भाषा का निर्माण किया जाता है, तब वह परिनिष्ठित भाषा या मानक भाषा हो जाती है. 

 

जैसे खड़ीबोली कभी आज परिनिष्ठित भाषा में रूपांतरित हो गयी है. उसके बाद इसका प्रयोग भारत में अनेक जगहों पर होने लगा है. 

 

मानक भाषा या परिनिष्ठित भाषा व्यापक रूप में प्रचार प्रसार करके इसके सामाजिक और राजनीतिक शक्ति के आधार इसे राजभाषा या राष्ट्रभाषा का स्थान दिलाया जा सकता है. 

 

शिक्षाविदों द्वारा, भाषा विद्वानों के द्वारा भाषा के जिस वैज्ञानिक स्वरुप को मान्यता दी जाती है उसे “मानक भाषा” या “परिनिष्ठित भाषा” कहा जाता है. भाषा में एकरूपता लाने के लिए ये मान्यता दी जाती है. 

 

जैसे की हिंदी भाषा में विद्वानों द्वारा कुछ शब्दों को मानक रूप में मान्यता प्रदान की गयी है, जैसे

“गयी” का मानक रूप – “गई” को मान्यता दी गयी

“ठण्ड” का मानक रूप “ठंड” को मान्यता दी गयी 

“अन्त” का मानक रूप “अंत” को मान्यता दी गयी

“रव” का मानक रूप “ख” को मान्यता दी गयी

“शुद्ध” का मानक रूप “शुदध” को मान्यता दी गयी

 

3. संपर्क भाषा या सम्पर्क भाषा [Sampark Bhasha] :-

हमारे पूरी दुनिया में बहुत सी भाषा प्रचलित है. बहुत सी भाषाये बोली जाती है लिखी जाती है. लेकिन संपर्क भाषा वह होती है. जिसके द्वारा दो लोगो में संपर्क स्थापित होता है. 

 

इसे ऐसे बताया जा सकता है की, अनेक भाषाओं होती हुए भी जब किसी विशिष्ट भाषा के माध्यम से व्यक्ति से व्यक्ति, राज्य से राज्य तथा देश और विदेश के बीच सम्पर्क स्थापित किया जाता है. तब उस विशिष्ठ भाषा को सम्पर्क भाषा या संपर्क भाषा कहा जाता हैं. 

 

4 . राजभाषा [RajBhasha] :-

राजभाषा का उपयोग किसी भी देश की सरकार के कार्यकलापो का सुचारू रूप से संचालन के लिए किया जाता है. बहुत से लोग राजभाषा और राष्ट्रभाषा दोनों में फर्क नहीं कर पाते है. किन्तु आपको बता दे की, राजभाषा और राष्ट्रभाषा दोनों ही भिन्न भिन्न अर्थ रखती है. राजभाषा केवल सरकार के कामकाज में प्रयोग होती है जबकि राष्ट्रभाषा सारे राष्ट्र के लोगों के लिए प्रयोग होती है. 

 

देश के सरकारी राज-काज व सरकारी कार्यालयों में प्रयोग की जाने वाली भाषा को राजभाषा कहा जाता है. 

 

उदाहरण. भारत में सरकारी कार्यालयों में कामकाज की भाषा अंग्रेजी और हिंदी दोनों हैं. भारत के विभिन्न राज्यों में उनके सरकारी कार्यालयों में कामकाज की भाषा भिन्न-भिन्न है जैसे महाराष्ट्र राज्य में मराठी और अंग्रेजी दोनों ही भाषा में सरकारी कामकाज होता है. 

 

5. राष्ट्रभाषा [RashtraBhasha] :-

हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के द्वारा राष्ट्रभाषा को राष्ट्र की आत्मा की संज्ञा दी है. किसी भी देश के रहवासियों के लिए की उस देख की “राष्ट्रभाषा” एकता, अखंडता, अस्मिता, और गौरव का प्रतीक मानी जाती है. 

 

जैसे हमारे भारत देश के सभी नागरिकगण राष्ट्रभाषा को समझते हैं, बोलते हैं, या पढ़ते-लिखते हैं. ये भी एक फेक्ट है की, कोई विशिष्ठ भाषा एक से अधिक देशों की राष्ट्रभाषा हो सकती है; उदा. अमेरिका, इंग्लैण्ड तथा कनाडा़ आदि देशो की राष्ट्रभाषा “अंग्रेजी भाषा” है. 

 

वैसे ही भारत के संविधान ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा तो नहीं दिया, लेकिन हिन्दी की व्यापकता और लोकप्रियता के आधार पर हिंदी को राष्ट्रभाषा कहने में कोई हर्ज नहीं हैं.

 

राष्ट्रभाषा से का सरल सा अर्थ एक ऐसी भाषा से है जो एक विशिष्ठ देश के विभिन्न भाषा-भाषियों में विचार के आदान-प्रदान के लिए उपयोगी होती है.

 

6. अन्तर्राष्ट्रीय भाषा [Antrashtriy Bhasha ] :-

अन्तर्राष्ट्रीय भाषा को समझाने के लिए हम अंग्रेजी भाषा को उदाहरन के रूप में ले सकते है. अन्तर्राष्ट्रीय भाषा विश्व के एक अधिक राष्ट्रों में बोली जाने वाली भाषा है. इसका अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विचार विनिमय में काफी महत्व होता है. 

 

7. मातृभाषा [MatruBhasha] :-

मातृभाषा को कुछ इस प्रकार समझा जा सकता है. यदि आपका जन्म एक पंजाबीभाषी परिवार में हुआ है, इसलिए आप पंजाबी बोलते है. वैसे आपके मित्र का जन्म मराठीभाषी परिवार में हुआ है, इसलिए वह मराठी बोलता है. तो ऐसे में पंजाबी व मराठी क्रमशः आप दोनों की मातृभाषाएँ कहलाएगी. 

 

उसी प्रकार “मातृभाषा” उस भाषा को कहा जाता है, जिसे कोई छोटा बच्चा अपने बचपन में अपने परिवार के सदस्यों से सीखता और अपनाता है.

 

इसे ऐसे समझिये जब कोई अपने परिवारिक सदस्यों द्वारा और आस पास के इलाके में बोली जाने वाली भाषा को कोई बच्चा बड़ी आसानी से सीख जाता है. यही भाषा उसकी ‘मातृभाषा’ होती है.

 

8. प्रादेशिक भाषा [Pradeshik Bhasha] :-

ऐसी भाषा जो एक प्रदेश विशेष रूप से बोली जाती है तो उस विशिष्ठ भाषा को उस प्रदेश की ‘प्रादेशिक भाषा’ कहा जाता है. जैसे मराठी को महाराष्ट्र में एक प्रादेशिक भाषा के रूप में बोला जाता है. महाराष्ट्र का निर्माण भी भाषीय आधार पर ही हुआ था. 

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Wikipedia के अनुसार Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain – भाषा के प्रकार 

 

लेख में आगे आपको Wikipedia के अनुसार Bhasha Ke Kitne Prakar Hote Hain इस बारे में जानकारी बताने जा रहे है. क्योकि किसी भी सवाल का जवाब एकांकी अध्यन करना उचित नहीं है. उसी प्रकार भाषा के कितने भेद होते हैं इस बारे में विभिन्न वेबसाइट का अध्यन किया है उसमे Wikipedia पर मिली जानकारी आपके सामने रख रहे है. निचे इमेज में देख सकते है.👇👇👇

 

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Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain

 

Q & A Platform, YouTube और Social Media के द्वारा बताये भाषा के प्रकार जानिए 

 

लेख में ऊपर अपने Wikipedia पर Bhasha Kitne Prakar Ki Hoti Hai इस बारे में समझा लेकिन उसके बाद भी हमें Q & A Platform, YouTube और Social Media के द्वारा भी कुछ अच्छी और सटीक जानकारी मिल सकती है. जिसके लिए हमारे द्वारा उन वेबसाइट पर जाकर देखा गया. उनके अनुसार भाषा के प्रकार निचे आपको बताने जा रहे है. 👇👇👇

 

Quora के अनुसार भाषा के कितने भेद होते हैं ?

 

Bhasha Kitne Prakar Ki Hoti Hai ? इस सवाल का जवाब जानने के लिए Quora पर जाकर खोजबीन करने पर हमें जो उत्तर मिला जो आपके साथ साझा कर रहे है. Quora के यूजर अमृता मिश्रा के अनुसार निम्नलिखित विचार प्रकट किये गए. इन्होने भाषा के मुख्य दो प्रकार बताये है. 1. मौखिक भाषा और 2. लिखित भाषा. इनके विचार आप निचे इमेज में देख सकते है.👇👇👇 

 

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Bhasha Ke Kitne Bhed Hote Hain Quora

Vokal के अनुसार भाषा के कितने रूप होते हैं ?

 

आगे Bhasha Kitne Prakar Ke Hote Hain इस बारे में Vokal पर खोजबीन करते समय हमें इसके एक प्रसिद्द यूजर Pushpanjali के जवाब पर हमारी नजर पड़ी. जिनका जवाब निचे आप इमेज में देख सकते है. 

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Bhasha Kitne Prakar Ki Hoti Hai Vokal

YouTube के पर बताये Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain ?

 

ऐसा तो हो नहीं सकता की, हमारे ब्लॉग में किसी सवाल के जवाब के उत्तर को खोजने के लिए YouTube पर विडियो बनाने वाले विद्वानों के विचारो को न सुना जाये. इसके लिए हम भाषा के मुख्यतः कितने रूप होते हैं ? इसके जवाब के लिए YouTube पर सेंध लगायी. तब हमें Arinjay Academy इस चेनल की विडियो काफी अच्छी जानकारी बताते नजर आये. वो जानकारी आपके सामने रख रहे है. निचे आप वो जानकारी से भरा विडियो देख सकते है.  👇👇👇

 

 

Conclusion :-

 

आज भाषा के प्रमुख प्रकार-रूप-भेदBhasha Ke Kitne Roop Hote HainBhasha Ke Kitne Bhed Hote Hain इस शीर्षक से लिखे गए लेख में आपको भाषा के मुख्य रूप कितने हैं इसके साथ ही Bhasha Kitne Prakar Ki Hoti Hai इसका सम्पूर्ण ज्ञान करवाया गया. इसके अंत में हम यही कर सकते है की, भाषा के कितने रूप होते हैं ? इस सवाल को कोई एक जवाब नहीं हो सकता है क्योकि भाषा एक ऐसा विषय है जिसके बारे में जितना कहा जाये उतना कम है इसलिए जितने मुह है उतनी भाषाये है.